साउथ के सुपरस्टार के बेटे 'जोया फैक्टर' में के हीरो बनकर आ रहे हैं। वैसे 'कारवां' से दुलकर की हिंदी फिल्मों में एंट्री हो चुकी है। दुलकर से खास बातचीत: सोनम के साथ फीमेल सेंट्रिक 'जोया फैक्टर' में काम करते हुए कहीं इस बात की असुरक्षा तो नहीं थी कि उन जैसी स्थापित हीरोइन के सामने ओवर शेडो न हो जाएं?मैं पहले भी फीमेल सेंट्रिक फिल्मों में काम कर चुका हूं। मुझे इस बात से कोई ऐतराज नहीं है। फिर ऐसा भी नहीं है कि इन फिल्मों में मेरे लिए करने जैसा कुछ नहीं है। 'जोया फैक्टर' में मेरी भूमिका सोनम के ऑपोजिट है और बहुत अहम है। मैं इसमें क्रिकेटर बना हूं। मेरे लिए सोनम का होना अच्छी बात है, क्योंकि वह बहुत लोकप्रिय हैं और उनके नाम से लोग फिल्म देखने आएंगे और मुझे भी देखेंगे। मुझे भी इस फिल्म के बहाने हिंदी फिल्मों का दर्शक वर्ग मिलेगा। फिल्म में आप क्रिकेटर हैं। क्या तैयारी की?मैं कभी ऐथलीट नहीं रहा। पहली बार मैं एक स्पोर्ट्स फिल्म कर रहा हूं। इससे पहले भी मुझे मलयालम में स्पोर्ट्स फिल्म का ऑफर मिला था, मगर मैं नहीं कर पाया, क्योंकि मैं फिल्म के मुताबिक पूरी तैयारी करने में असमर्थ था। मेरे पास डेट्स भी नहीं थीं। 'जोया फैक्टर' जब मिली तो मुझे लगा कि मैं ब्रेक लेकर इसकी तैयारी कर सकता हूं। मैंने क्रिकेटर बनने के लिए 4 महीने की तैयारी की। महिला क्रिकेट टीम को तालीम देनेवाले कोच विनोद ने मुझे ट्रेंड किया। उन्होंने मेरे साथ बहुत सब्र से काम लिया। उन्होंने मुझे मुंबई और कोच्चि में ट्रेंड किया है। इंडिया में रहकर आप क्रिकेट प्रेम से बच नहीं सकते। जब मैं स्कूल में था, तो सचिन मेरे प्रिय प्लेयर थे, फिर धोनी हो गए। अब मुझे विराट और युवराज बहुत पसंद हैं। युवराज तो क्रिकेटर के अलावा एक बेहतरीन इंसान भी हैं। 'रांझणा' के बाद धनुष और 'बाहुबली' के बाद प्रभास को हिंदी दर्शकों का अपेक्षित रेस्पांस नहीं मिला। इससे पहले भी दक्षिण के नायक हिंदी फिल्मों में लंबा करियर नहीं बना पाए। क्या वजह मानते हैं?मुझे ऐसा नहीं लगता। यह तो फिल्म दर फिल्म पर निर्भर करता है। कई बार ऐक्टर किसी फिल्म में अपनी जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस देता है, मगर फिल्म नहीं चलती तो उसकी मेहनत जाया हो जाती है। कभी ऐसा भी होता है कि अदाकार का काम इतना ग्रेट नहीं होता, मगर फिल्म चल जाती है। हम कलाकारों को जो मौके मिलते हैं, उसमें से हम फिल्में चुनते हैं और उन पर जी-जान लगाकर काम करते हैं। दूसरी या तीसरी फिल्म का चलना या न चलना कलाकार पर निर्भर नहीं करता। साउथ ऐक्टर्स का हिंदी के अलावा दक्षिण में भी करियर होता है और कई बार उन्हें वहां अच्छे रोल्स मिलते हैं, तो वे वहां मसरूफ हो जाते हैं। वह अगर सिर्फ बॉलिवुड में अपना करियर बनाएं, तो यहां भी लंबी पारी खेल सकते हैं। कमल सर (कमल हासन), मेरे पिताजी (ममूटी), नागार्जुन सर जैसे कलाकारों को जब भी अच्छा काम मिला, इन लोगों ने किया है। हमने देखा कि कुछ अरसा पहले आपकी डॉगी के साथ वाली एक पोस्ट पर फरमान जारी कर दिया गया था कि आपको अब 7 बार नहाना पड़ेगा?मैंने डॉगी के साथ वह पोस्ट इसलिए डाली थी कि उस प्यारे जानवर ने मुझे डॉगी के डर से निकला था। उसी के कारण मैं अपनी एक फिल्म में अच्छे से काम कर पाया था। मेरे जाननेवालों को पता है कि मैं डॉगी से बहुत डरता हूं, मगर लोगों ने बात का बंतगड़ बना दिया। सच कहूं, तो जब मैं इंडस्ट्री में नया-नया आया था और मेरे बारे में जब भी ऊटपटांग चीजें पोस्ट की जाती, तो मैं बहुत नर्वस हो जाता था। डिप्रेशन में चला जाता और मुझे रात को नींद नहीं आती थी। कई बार सोशल मीडिया का तांडव देखकर मेरी आंख से आंसू निकल पड़ते थे। मगर इतने सालों के बाद मैं यह समझ गया हूं कि मुझे अपने काम पर फोकस करना होगा। हर किसी के पास बोलने की आजादी है। आपने सोशल मीडिया पर अपने बारे में सबसे ज्यादा वियर्ड क्या सुना है?ये एक डॉगी वाली एक पोस्ट थी। इसके अलावा कई लोगों को इस बात से समस्या है कि मैं इतनी सारी इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं, तो एक फेक आर्टिकल पोस्ट करवाया कि अगला स्पाइडर मैन मैं ही हूं। खूब चर्चा हुई, कई मीम्स बने। मैं भी खूब हंसा। फिल्मों में आने से पहले ही आपने अमाल सूफिया से अरेंज मैरेज कर ली थी, तो क्या अब ग्लैमर की चमचमाती दुनिया में खूबसूरत हीरोइनों के साथ काम करते हुए टेम्पटेशन नहीं आता?(हंसते हैं) मैं आपका मतलब अच्छे से समझ रहा हूं, मगर मेरा मानना है कि वन वुमन मैन या कमिटेड होना हेल्दी होता है। मैंने बचपन से अपने माता-पिता को साथ देखा है और उनके रिश्ते ने मुझे बहुत सिक्यॉरिटी दी है। मैंने अपनी आंखों के सामने एक मजबूत मैरेज इंस्टिट्यूशन देखा है। अब जबकि मेरी बेटी भी हो चुकी है, तो मुझे लगता है कि पत्नी, बेटी और परिवार के प्रति मेरी जिम्मेदारी 10 गुना ज्यादा बढ़ गई है। मैं भी अपनी बेटी को वही सिक्यॉरिटी देना चाहता हूं, जो मेरे माता-पिता ने मुझे दी है। वैसे भी हमारा परिवार परंपरावादी परिवार है और हम मूल्यों पर बहुत यकीन करते हैं। जहां तक फिल्मों में हिरोइन की बात है, तो वह हमारा काम है। हम अपनी को-स्टार्स के साथ सेट पर अकेले नहीं होते। हमारे साथ पूरी टीम होती है।
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