बॉलिवुड की मशहूर कोरियोग्राफर ने साल 2004 में आई अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म '' के बारे में बड़ा खुलासा किया है। फराह ने बताया, वह नहीं चाहती थीं कि फिल्म का विलन कोई मुस्लिम हो। यह बयान उन्होंने 'पिक्चर के पीछे' पॉडकास्ट में दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर फिल्म में के सबसे खास साथी (राइट हैंड) का सरनेम खान रखा था, जिसे बाद में महसूस होता है कि उसे बहकाया गया था और वह आखिर में आकर आतंकवाद छोड़कर देशभक्त बन जाता है। यह बयान आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की ओर से अलग-अलग टिप्पणियां आ रही हैं। हालांकि पॉडकास्ट के अलावा फराह ने कोई और कॉमेंट नहीं किया है। 'मैं हूं ना' फिल्म एक निर्देशक के तौर पर फराह खान की पहली फिल्म थी। इस अप्रैल में फिल्म रिलीज हुए 16 साल हो जाएंगे। इस फिल्म के बारे में उन्होंने कई और खुलासे भी किए। पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि उनके पास 'मैं हूं ना-2' के लिए भी आइडिया था। हालांकि उन्होंने इस आइडिया पर काम नहीं किया। फराह खान ने बताया कि फिल्म में संजना बख्शी के किरदार के लिए पहले आयशा टाकिया को अप्रोच किया गया था लेकिन आयशा इम्तियाज अली की फिल्म 'सोचा ना था' में बिजी थीं और इसके कारण यह रोल अमृता राव को मिला। इसके अलावा फिल्म में लकी (जाएद खान) के रोल के लिए भी फराह को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस रोल के लिए पहले रितिक रोशन से बात की गई थी लेकिन उन्होंने रोल करने से इनकार कर दिया। जाएद को रोल ऑफर करने से पहले फराह खान ने अभिषेक बच्चन और सोहेल खान से भी बातचीत की थी। मालूम हो, मैं हूं ना फिल्म साल 2004 में आई थी जिसमें शाहरुख खान, जाएद खान, सुनील शेट्टी, सुष्मिता सेन और अमृता राव ने किरदार निभाए थे। फिल्म में सुनील शेट्टी (राघवन) जो कि पहले एक आर्मी ऑफिसर थे, वह बाद में एक विलेन बन जाते हैं। फिल्म में (मेजर रामप्रसाद) ने एक आर्मी जवान का रोल किया था जो भारत-पाकिस्तान के बीच शांति पूर्वक होने वाली द्विपक्षीय बातचीत को रोकने के सुनील शेट्टी के प्लान को फेल कर देते हैं।
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