को हमेशा अपने पिता से तुलना झेलनी पड़ी है। उन्होंने 2000 में 'रिफ्यूजी' से बॉलिवुड डेब्यू किया था। उनका कहना है कि अगर आपको दर्शक स्वीकारेंगे तभी आपका करियर लंबा जा सकता है। पापा ने नहीं किया किसी को फोन नेपोटिजम पर अभिषेक का कहना है कि उनके पिता ने उनके लिए कभी किसी से बात नहीं की। वह बताते हैं, सच तो यह है, उन्होंने किसी को फोन नहीं किया। उन्होंने कभी मेरे लिए फिल्म नहीं बनाई। उल्टा मैंने ही उनके लिए फिल्म प्रड्यूस की थी 'पा'। फिल्म ना चली तो नहीं मिलता है काम अभिषेक आगे बताते हैं, लोगों को समझना चाहिए कि ये बिजनस है। पहली फिल्म के बाद अगर लोगों को आपमें कुछ नहीं दिखता है या फिल्म नहीं चलती है तो आपको अगला काम नहीं मिलेगा। यह जीवन का कड़वा सच है। भरोसा ना हो तो नहीं लेता कोई रिस्क उन्होंने बताया, मुझे पता है जब मेरी फिल्में नहीं चलतीं, मुझे पता होता है कि मुझे किन फिल्मों से रिप्लेस कर दिया गया है, कौन सी फिल्में नहीं बनाई गईं, जो कि शुरू की गईं और बजट न होने की वजह से बंद कर दी गईं क्योंकि मैं उस मुझ पर जोखिम नहीं लिया जा सकता था। तो आपके सामने ये है मिस्टर अमिताभ बच्चन का बेटा होने का सच। 'लूडो' में क्रिमिनल का रोल निभा रहे हैं अभिषेक ड्रीम रोल के बारे में उन्होंने बताया कि ऐक्टर बनने से पहले शाहरुख ने एक बार मुझसे कहा था कि फेवरिट रोल वही होना चाहिए जो प्रजेंट टाइम पर आप कर रहे हैं, क्योंकि अगर ऐसा नहीं है तो आपने इसे क्यों चुना। अभिषेक अनुराग बसु की फिल्म 'लूडो' में नजर आएंगे। इसमें वह क्रिमिनल का रोल निभा रहे हैं।
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